प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक माध्यम है कंप्यूटरसे अपनी बात कहने का, जिस तरह हम लोगों से हिंदी में या इंग्लिश में अपनी बात कहते है
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उसी तरह अगर हमें कंप्यूटर को अपनी कोई बात कहनी हो या अपना कोई काम कराना हो तो उसके लिए हम प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग करते है
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Programming Languages का विकास चरणबद्ध तरीके से किया गया है।
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विकास के प्रत्येक चरण ने प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को यूजर के उपयोग के लिए अधिक User-Friendly, आसान और अधिक शक्तिशाली बना दिया है।
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पहली पीढ़ी के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को निम्न-स्तरीय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (Low-Level Programming Language) भी कहा जाता है क्योंकि उनका उपयोग कंप्यूटर सिस्टम को बहुत कम स्तर पर उपयोग करने के लिए किया जाता था
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दूसरी पीढ़ी की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी निम्न-स्तरीय-प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (Low-Level- Programming Language) की श्रेणी में आती है। दूसरी पीढ़ी की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में असेंबली लैंग्वेज शामिल होती हैं ।
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तीसरी पीढ़ी की Programming Languages को पहली और दूसरी पीढ़ी की Programming Languages की विभिन्न Limitations को दूर करने के लिए बनाया गया था।
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चौथी पीढ़ी की Programming Languages को समय, लागत और प्रयास को कम करने के लिए डिजाइन और विकसित किया गया था।
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पाँचवीं पीढ़ी की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क में काफी ज्यादा उपयोग किया जाता है ।
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अगर आप प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की पीढ़ी(Generations of Programming Language)के बारे में और अच्छे से जानना चाहते है तो Swipe Up करे